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संवाददाता : कृष्णा दत्ता

बोकारो : पेटरवार थाना क्षेत्र के बारकेंदुआ गांव में बोकारो थर्मल पावर प्लांट बिटीपीएस के द्वारा बंद पत्थर खदान में छाई गिराये जाने का बुधवार को ग्रामीणों ने विरोध किया है। जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने बारकेंदुआ गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया। हालांकि ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए फिलहाल सात दिनों के लिए छाई भरने का काम बंद कर दिया गया है।

ग्रामीणों का कहना है कि बंद पत्थर खदान से पीने का पानी व सिंचाई की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में इस खदान को छाई से भरकर बंद कर देने से ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि वे लोग उच्च अधिकारियों से इसको लेकर फरियाद करेंगे। अगर बात नहीं बनती है तो आगे न्यायालय के भी शरण में जाने का काम करेंगे।

मौके पर झामुमो नेता अमित कुमार सोरेन ने विरोध कर रहे ग्रामीणों से बात की एवं जिला प्रशासन के द्वारा गांव में की जा रही विकास योजनाओं को समझाया। वही झामुमो नेता अशोक मुर्मू ने विरोध कर रहे ग्रामीणों से मिलकर उनके द्वारा विरोध किये जाने की वजह को जाना। वही बेरमो एसडीओ अनंत कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा एक सप्ताह का समय मांगा गया है। एक सप्ताह के बाद छाई गिराने का कार्य शुरू की जाएगी।

बिटीपीएस में नही है छाई रखने की जगह

जानकारी के मुताबिक बीटीपीएस थर्मल पावर प्लांट में छाई रखने की जगह नहीं है। इसको देखते हुए वहां छाई का पहाड़ खड़ा होता जा रहा है। इसी को लेकर पॉल्यूशन विभाग ने इस गांव में पत्थर खदान को छाई से भरने की अनुमति दे दी है। इसी को लेकर आज थर्मल पावर प्लांट से सात हाईवा पत्थर खदान में छाई भरने के लिए गांव पहुंचा। बेरमो एसडीओ अनंत कुमार के मुताबिक इसको लेकर मैजिस्ट्रेट की भी तैनाती कर दी गई थी। लेकिन जैसे ही गाड़ियां यहां पहुंची ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। विरोध को देखते हुए पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। गांव के बच्चे बूढ़े सभी इसके विरोध में खड़े हो गए।

ग्रामीणों ने सात दिन का लिया समय

इसके बाद ग्रामीणों और बेरमो एसडीओ के बीच वार्ता हुई वार्ता के दौरान एक हफ्ते का समय लिया गया। वही इस खदान को छाई से भरने की अनुमति देने वाले बाबूलाल मांझी ने कहा कि खदान पूरी तरह से खुला हुआ है। ऐसे में जो विरोध कर रहे हैं उनको यह जिम्मेदारी लेनी होगी इसमें अगर आदमी और जानवर गिरकर ना मरे। हमें जमीन दे दी है इसकी जिम्मेदारी अब हमारी नहीं है।

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