
चक्रधरपुर : समर साह
चाईबासा : शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। जब तक जीवित है मनुष्य कुछ न कुछ सीखता रहता है। शिक्षित समाज का निर्माण करने के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी है। उक्त बातें अनुमंडल पदाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने कही। श्री सिन्हा सोमवार को मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन चक्रधरपुर की ओर से दंदासाई उर्दू मध्य विद्यालय में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र के उद्घाटन के पश्चात उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा शिक्षा ही इंसान को इंसान बनाती है। शिक्षा से ही इंसान अच्छे और बुरे की पहचान कर पाता है। इससे पूर्व उन्होंने फीता काटकर केंद्र का उद्घाटन किया एवं मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन के प्रयासों की सराहना की। कहा कि अंजुमन ने कोरोना वैक्सीनेशन से लेकर अन्य कई कार्यक्रम आयोजित कर समाज में चेतना लाने का काम किया है।
मौके पर एसडीओ के हाथों प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में नामांकन कराने वाली महिलाओं को शिक्षण सामग्री का वितरण किया गया। अंजुमन के अध्यक्ष मोहम्मद तजम्मुल हुसैन जॉनी ने कहा कि अंजुमन का प्रयास शिक्षित समाज का निर्माण करना है। इसी दिशा में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र का संचालन शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में अन्य मुहल्लों में भी केंद्र स्थापित किए जाएंगे। कार्यक्रम में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विजय कुमार भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत तिलावते कुरान से की गई। कार्यक्रम को अंजुमन के संरक्षक हाजी अरशद अहमद खान, हाजी अब्दुल हकीम ने भी संबोधित किया। संचालन शाहिद अनवर एवं धन्यवाद ज्ञापन मास्टर महफुजूर्रहमान ने किया। मौके पर शिक्षिका सैरून निशा बेगम, मोहम्मद जावेद, पीरूल हक, शिक्षिका जबीना परवीन आदि उपस्थित रहे।
गोद में बच्चे लेकर पहुंची महिलाएं
प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में नामांकन कराने वाली सभी महिलाएं विवाहित है। इनमें 20 साल से लेकर 65 साल उम्र तक की महिलाएं शामिल है। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कभी स्कूल नहीं गई स्कूल का चेहरा तक नहीं देखा। लेकिन अब शिक्षा हासिल करन चाहती है। इसलिए क्योंकि उन्हें कोई अनपढ़ नहीं कह सके। वर्तमान दौर में शिक्षा का क्या महत्व है उन्हें समझ आ रहा है।
केंद्र में नामांकन कराने वाली महिलाओं में शाहजहां बेगम, सबीना खातुन, जीनत परवीन, सुल्ताना परवीन, शमा परवीन, आसमां परवीन, तरन्नुम परवीन आदि शामिल है।